देवरिया जनपद : जनप्रतिनिधि
राष्ट्रीय एवं राज्यीय राजनीति में देवरिया की एक अलग पहचान है। देवरिया जनपद ने भारत एवं उत्तरप्रदेश को कई ऐसे नेता दिए जो अपनी राजनीतिक दूरदर्शिता से सबको प्रभावित किए और आज भी कर रहे हैं ।इन जननेताओं में से जो नाम उभरकर सामने आए और देवरियाई जनता के बीच अपनी अलग पहचान बनाए, वे हैं :- सर्वश्री स्व. राजमंगल पाण्डेय, श्री रामधारी शास्त्री, श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी, श्री मोहन सिंह, श्री हरिकेवल कुशवाहा, श्री हरिवंश सहाय, श्री सूर्यप्रताप शाही, श्री ब्रह्माशंकर त्रिपाठी, श्री दुर्गा प्रसाद मिश्र, श्री दीनानाथ कुशवाहा, श्री अनुग्रह नारायण सिंह, श्री कामेश्वर उपाध्याय, श्री शाकिर अली, श्री सुबाष चन्द्र श्रीवास्तव, श्री रविन्द्र प्रताप मल्ल, श्री गऊकरण सिंह, श्री देवी सिंह, श्री रामनगीना यादव, श्री श्रीमति शशि शर्मा, श्री गुड्डू पाण्डेय, श्री मुराद लारी, श्री नंदकिशोर सिंह, श्री चंद्रभूषण पाण्डेय, श्री श्रीप्रकाश चौबे, श्री श्रीनाथ, श्री मिथिलेश, श्री वंशबहादुर तिवारी, डा. मकसूदन मिश्र, श्री रविन्द्र पाण्डेय, श्री उमेश मिश्र एवं राजू भारती (कंचनपुर) ।
आइए, संक्षेप में कुछ प्रमुख जनप्रतिनिधियों के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को नमन करें।
स्व. राजमंगल पाण्डेय :- सांसद होने के साथ-साथ कई बार केंद्रीय मंत्री रह चुके स्व. राजमंगल पाण्डेय किसी परिचय के मुहताज नहीं हैं । देवरिया संसदीय क्षेत्र से कई बार जीतकर इन्होंने संसद में अपनी जोरदार उपस्थिति दर्ज कराई और अपने अच्छे कामों से जनता के बीच एक अविस्मरणीय छवि बनाई । देवरिया के विकास में राजमंगल बाबा का योगदान युगों-युगों तक याद किया जाएगा ।
आज भी देवरियाई जनता इस महान नेता को हृदय से नमन करती है ।
आजकल राजमंगल बाबा के पुत्र गुड्डू पाण्डेय राजनीति में सक्रिय हैं और राजमंगल बाबा के नाम पर एम.एल.सी. भी चुने जा चुके हैं ।
श्री हरिकेवल प्रसाद :- कई बार सांसद बनकर संसद की गरिमा को बढ़ाने वाले हरिकेवलजी का जन्म १५ मार्च १९४० को एक कृषक परिवार में हुआ था । इनके पिता का नाम स्व. श्री रामलोचन प्रसाद है । हरिकेवल प्रसाद तीन पुत्रों एवं एक पुत्री के पिता हैं । हरिकेवल प्रसादजी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सोहंग (देवरिया) के छात्र रह चुके हैं और पढ़ाई से वैराग्य लेने के बाद अपने आप को समाज सेवा में लगा दिए । इनको कविताएँ एवं लोकसंगीत सुनना पसंद है । ये एक सच्चे और कर्मठ समाजसेवक हैं और अपने स्नेहमयी छवि के द्वारा जनता के बीच एक अच्छे नेता के रूप में प्रसिद्ध हैं । ये उत्तरप्रदेश समता पार्टी और उत्तरप्रदेश जनता दल के अध्यक्ष भी रह चुके हैं । इन्होंने कई सारे समाजसेवी संगठनों की स्थापना के साथ ही साथ कई सारी समाजसेवी संस्थाओं से भी जुड़े हैं । ये कई राजनीतिक दलों के अध्यक्ष एवं सदस्य भी रह चुके हैं । गरीबों के मसीहा इस सच्चे समाजसेवी को आपातकाल के दौरान एक्कीस माह तक जेल में भी रहना पड़ा । मैं इस सच्चे सामाजिक कार्यकर्ता को हृदय से नमन करता हूँ ।
श्री हरिवंश सहाय :- कुशल प्रवक्ता, शिक्षाविद्ध, कृषिविद्ध, समाजसेवक एवं नेता हरिवंश सहाय का जन्म ११ दिसम्बर १९३९ को देवरिया जनपद के विश्वम्भरपुर गाँव में हुआ था । इन्होंने इलहाबाद विश्वविद्यालय से एम.एस सी. किया । ये कई बार विधायक भी रहे और सलेमपुर संसदीय क्षेत्र से चुनाव जीतकर संसद में भी पहुँचे । सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यों में विशेष रुचि होने के साथ ही साथ ये खेलों में भी भाग लेते रहे हैं ।
गरीबों और पिछड़ों की समस्याओं के समाधान के लिए सदा तत्पर रहनेवाले श्री हरिवंश सहायजी दहेज प्रथा के पक्के विरोधी हैं । इन्होंने लगभग एक दर्जन शैक्षिक संस्थाओं की स्थापना की है । आपातकाल के दौरान इनको १९ महीने जेल में बिताने पड़े । सच्चे मायने में हरिवंश सहाय गरीबों और पिछड़ों के सच्चे सेवक हैं । इस जनसेवक को प्रणाम ।
श्री श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी :- ३० जून १९३५ को सुल्तानपुर (उत्तरप्रदेश) में जन्में पूर्व थलसेनाध्यक्ष श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी ने एक लंबे समय तक सैन्य सेवा में रहते हुए माँ भारती की सेवा करते रहे । इनके पिता डा. यस.एन.एम. त्रिपाठी अपने समय के एक होनहार छात्र थे और अत्यधिक शिक्षा अर्जित की थी और साथ ही साथ डी.लिट्. एवं वाचस्पति जैसी उपाधियाँ भी ग्रहण की थी । श्रीप्रकाश मणि ने एम.यस सी. तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद थलसेना में नियुक्त हो गए । इन्होंने सेना में कई सारे उच्च पदों को सुशोभित किया ।
सेवानिवृति के बाद माँ भारती का यह सच्चा सेवक जनता की माँग पर राजनीति में पदार्पण किया और देवरिया संसदीय क्षेत्र से कई बार सांसद चुना गया । काम के सिलसिले में इन्होंने यू.यस.ए., यू. के., डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, इटली आदि कई देशों की यात्राएँ भी की । श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी ने अर्जुन टैंक के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । इन्हें अति विशिष्ट सेवा पदक एवं परम विशिष्ट सेवा पदक से भी नवाजा गया है ।
एक राजनैतिक कार्यकर्ता के रूप में इन्होंने जन समस्याओं को समझा और सड़क, बिजली, पेयजल की सुविधाएँ मुहैया कराने के साथ ही साथ कई सारे शिक्षण संस्थान भी खुलवाए ।
माँ भारती का यह सच्चा सेवक आज भी तत्परता के साथ जनसेवा में लगा हुआ है और देवरिया के विकास में सहभागी है । मैं माँ भारती और जनता के इस सच्चे सेवक को नमन करता हूँ ।
श्री मोहन सिंह :- मोहन सिंह का जन्म ४ मार्च १९४५ को देवरिया (उत्तरप्रदेश) में हुआ था । इनके पिता का नाम श्री महेन्द्र सिंह है । मोहन सिंह ने इलहाबाद विश्वविद्यालय से एम.ए. किया और १९६८-१९६९ में विश्वविद्यालय के छात्रसंघ के अध्यक्ष भी रहे । कई बार सांसद के पद पर आसीन होने वाले मोहन सिंह की पहचान एक कुशल सामाजिक एवं राजनैतिक कार्यकर्ता के रूप में है । ये कई सारे सामाजिक एवं राजनैतिक संस्थाओं से भी जुड़े ।
इन्होंने हिन्दी में दो पुस्तकें यादें और बातें एवं भारतीय संविधान के निर्माण में नेहरू भी लिखी है । इसके अतिरिक्त इनके बहुत सारे लेख कई पत्र-पत्रिकाओं में छपे । मोहन सिंह संगीत सुनना पसंद करते हैं ।
इनकी विशेष रुचि निर्माण तथा विकास कार्यों में रही है । इन्होंने बेल्जियम, थाइलैंड, यू.यस.ए. आदि देशों की यात्राएँ भी की ।
आपातकाल के दौरान इस सच्चे जनसेवक और कर्मठ नेता को २० महीने तक जेल में रहना पड़ा । आज भी यह वंदनीय जनसेवक समाजसेवा में लगा हुआ है ।
श्री सूर्यप्रताप शाही :- अपनी कर्मठता एवं जुझारुता के लिए प्रसिद्ध, सामाजिक एवं राजनैतिक कार्यकर्ता श्री सूर्यप्रताप शाही ने उत्तरप्रदेश सरकार में कई सारे मंत्री पदों को सुशोभित किया है । अपने नाम को चरितार्थ करने वाले सूर्यप्रताप, पूर्वांचल के एक प्रताप हैं जो सच्चे मन से जनसेवा में लगे हुए हैं ।
सूर्यप्रताप शाही जनता के बीच शाहीजी के रूप में जाने जाते हैं और जनता की समस्याओं को दूर करने के लिए सदा तत्पर रहते हैं । गाँवो के विकास के लिए इन्होंने बहुत सारी पक्की सड़कों और विद्यालयों के निर्माण के साथ ही साथ बिजली के तार भी दौड़वाए । मंत्री के रूप में इन्होंने क्षेत्र एवं प्रदेश के विकास में एक अहम भूमिका निभाई । सूर्यप्रताप शाही आज भी राजनीति और समाज की सेवा में तत्परता से लगे हुए हैं ।
श्री ब्रह्माशंकर त्रिपाठी :- कसया विधान सभा क्षेत्र से कई बार विधायक चुने जा चुके श्री ब्रह्माशंकर त्रिपाठी ने उत्तरप्रदेश सरकार में मंत्री पद को भी सुशोभित किया है । जनता के बीच ब्रह्माशंकर त्रिपाठी की पहचान एक कर्मठ एवं सच्चे समाजसेवी की है जो आज भी तत्परता के साथ जनसेवा में लगा हुआ है । त्रिपाठीजी ने प्रदेश के विकास के साथ-साथ अपने क्षेत्र में भी विकास के बहुत सारे काम किए हैं । गाँवों के विकास के लिए इन्होंने सड़क निर्माण , विद्यालय निर्माण, पेयजल की सुविधा एवं नालों का निर्माण प्रमुखता से कराया है ।
यह कुशल राजनीतिज्ञ आज भी जनता की सेवा में लगा हुआ है तथा क्षेत्र और प्रदेश के विकास के लिए प्रयासरत है ।
-प्रभाकर पाण्डेय
4 टिप्पणियां:
Devariya to bas bagal me hi hai hamare unnao ke...sahi se location ka idea nahi. Par ek mohalle ki buaa thin jo devariya me byahi thi, to jab bhi ghar atin, bhasha ka ek naya taste sunne ko milta kuch din....Apne itni jaankaari in logon ke bare me jutaayi kahan se....is par bhi ek blog entry ki avashyakta hai, aur main to iss se jayda usi me interested rahunga...
देवरिया के राजनीतिकों की डायरेक्टरी अच्छी है।
bhaiya kha k rahe wala hauaa ?
bahut barhiya kaila yun ki deoria ki bare me website par jankari delaa.
hum deoria umanagar k rahe wala hayin mca final ka bhainee ab nokari ke talash baa agar kuchh aapani bare me batayita ta thik rahit hamar mail ID ha dhanendraks@yahoo.com agar orkut par hokha tabo hum mil jayib dhanendraks@gmail.com se achchha namaste bhayee
deoria me hi slempur tahsil ke ahirauli lala gramsabha ke durga charan sinha s/o sri jagdamba prasad ek nribhik sahsi aur pragtishil shikshak neta hai jo apne aap me anuthe hai jinke sanghrash ka apna ek alag hi itihas hai unke bare me bhi ullekh hona chahiye
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