शनिवार, 9 दिसंबर 2006

देवरिया जनपद : मानचित्रित स्थिति

भारत में देवरिया जनपद :- भारत के उत्तर प्रदेश का यह जनपद उत्तर प्रदेश प्रांत के उत्तर-पूर्व सीमा पर स्थित है । इसके उत्तर में कुशीनगर जनपद जो पहले इसी जनपद का भाग था स्थित है । पूर्व में इसकी सीमा बिहार के दो जिले (जनपद) गोपालगंज व सिवान को स्पर्श करती है । दक्षिण में यह, जनपद मऊ एवं जनपद बलिया से घिरा हुआ है तथा इसके पच्छिमी छोर पर गोरखपुर जनपद स्थित है ।

जनपद का मुख्यालय:- देवरिया जनपद का मुख्यालय देवरिया शहर में है जो गोरखपुर से ५२ किलोमीटर पूर्व में विराजमान है । देवरिया शहर पर अगर एक नजर डालें तो पाएँगें कि यह शहर बहुत कम समय में तेजी से विकास किया है । इस शहर में तीन महाविद्यालय (बाबा राघवदास स्नातकोत्तर महाविद्यालय, संत बिनोवा स्नातकोत्तर महाविद्यालय एवं राजकीय महिला महाविद्यालय), ६-७ इंटरमीडिएट कालेज, २-३ तकनीकी विद्यालय और बहुत सारे माध्यमिक एवं प्राथमिक विद्यालय हैं जो इसकी ज्ञान गरिमा को मंडित कर रहे हैं । इस शहर में कई धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थान हैं जो इसकी धार्मिकता एवं ऐतिहासिकता को गौरवान्वित करते हैं । देवरिया रेल द्वारा सीधे गोरखपुर और वाराणसी से जुड़ा हुआ है । देवरिया सदर (रेलवे स्टेशन) से प्रतिदिन दिल्ली, मुम्बई जाने के लिए कई रेलगाड़ियाँ है तथा देश के कुछ अन्य प्रांतों में जाने के लिए भी । देवरिया पूरी तरह से सड़क मार्ग से भी भारत के अन्य भागों से जुड़ा हुआ है । देवरिया शहर के बस स्टेशन से लगभग आधे-आधे घंटे पर गोरखपुर के लिए बसें जाती हैं तथा इसके अलावा बहुत सारी निजी (प्राइवेट) सवारियाँ भी मिल जाएँगी । देवरिया से दिल्ली, बनारस, कानपुर, लखनऊ, अयोध्या आदि के लिए भी प्रतिदिन कई सारी बसें चलती हैं ।

नदियाँ एवं नाले :- देवरिया जनपद को मुख्य रूप से घाघरा,राप्ती और छोटी गंडक (नदियाँ) हरा-भरा बनाती हैं पर कभी-कभी इनके रौद्र रूप (बाढ़) में किसानों की खुशहाली (फसलें) बह जाती है । नदी माताओं के रौद्र रूप को शांत करने के लिए इनकी आराधना भी की जाती है । इन नदियों के अलावा कुर्ना, गोर्रा, बथुआ, नकटा आदि नाले भी बरसात में उफन जाते हैं और क्षेत्र की जनता को अपने होने का एहसास कराते हैं ।

देवरिया के परिचीत शहर :- देवरिया जनपद के जाने-माने शहरों में देवरिया, बैतालपुर, गौरीबाजार, रामपुर कारखाना, पथरदेवा, तरकुलवा, रुद्रपुर, बरहज (बरहज में चार महान तीर्थों का समावेश है जो "बरहज" नाम में भी अपना बोध करा रहे हैं, ब = बद्रीनाथ, र = रामेश्वरम्, ह = हरिद्वार, ज = जगन्नाथ धाम), भलुअनी, भाटपाररानी, बनकटा, सलेमपुर, लार, भागलपुर, भटनी, महेन आदि हैं ।

मौसम :- समशीतोष्ण । कुल मिलाकर ठीक-ठाक । जाड़ा, गर्मी, बरसात, तीनों हैं यहाँ बराबर के हिस्सेदार । पर मई-जून की गर्मी और ऊपर से लू । इनसे बचने के लिए सर पर गमछा होना आवश्यक और पेय पदार्थों में बेल का रस और सतुई ।
जनवरी, फरवरी आदि में अच्छी ठंडक के साथ-साथ कुहा जो कभी-कभी सूर्य को कई-कई दिन तक निकलने ही नहीं देता है और वाहन अपनी बत्ती जलाकर सड़कों पर रेंगते हैं । इस ठंड से बचने के लिए गाँवों में लोग कंबल आदि ओढ़कर या गाँती बाँधकर कौड़ा (आग) तापते हैं और रात को जल्दी ही माँ निद्रा की गोद में चले जाते हैं । रजाई, स्वेटर, मफलर आदि रात-दिन शरीर की शोभा बढ़ाते हैं । इस मौसम में होरहा खाने और कचरस (गन्ने का रस) पीने का मजा ही कुछ और होता है ।
जुलाई-अगस्त में बरसा रानी झमाझम बरसती हैं और किसान हर्षित होकर धान की रोपाई में भिड़ जाता है । एक बात और बरसात के मौसम में कभी-कभी किसी की बारात में शामिल होना यादगार बन जाता है, पत्तल में मेढ़क कूदते नजर आते हैं और कभी-कभी आँधी, तूफान भी तंबू को उड़ा ले जाते हैं ।

कृषि :- जी हाँ, कृषि इस जनपद का प्राण है । रबी (गेहूँ आदि) और खरीफ (धान आदि) बहुतायत में पैदा होता है । गन्ना तो किसानों का पुत्र है जो इनको मुद्रा लाभ कराता है । इस जनपद में गन्ने की खेती भी अधिकता से होती है ।
इस जनपद की मिट्टी कई प्रकार की है जैसे:- दोमट,बलुई दोमट,भाठ,मटियार और बलुई (बहुत कम)। इस क्षेत्र में नहरों का जाल फैला हुआ है । सिंचाई के लिए नहरों के अलावा नलकूप, बोरिंग (पम्पसेट द्वारा) और तालाब आदि का उपयोग किया जाता है । सरकार द्वारा हर किसान को निःशुल्क बोरिंग उपलब्ध कराया गया है ।

सब मिलाजुलाकर जनपद देवरिया एक संपन्न क्षेत्र है । यहाँ के लोग प्रशासन में ऊँचे-ऊँचे पदों की शोभा भी बढ़ाते हैं, प्राथमिक से लेकर विश्वविद्यालय में शिक्षा भी देते हैं, और अपने दूसरे भारतीय भाइयों के साथ सीमा पर भारत माँ की सजगता से रक्षा भी करते हैं । इस जनपद के कुछ लोग रोजी-रोटी की जुगाड़ में देश के बड़े-बड़े नगरों और विदेशों में भी रहते हुए इस क्षेत्र की धरती से जुड़े हुए हैं । भारतीय राजनीति में भी इनका अच्छा-खासा योगदान है

गाँव सुधरेगा, देश सुधरेगा । किसानों की खुशी में ही माँ भारती की खुशी है ।
भ्रष्टाचार,भाई-भतीजावाद,क्षेत्रवाद अगर हटेगा तो शत-प्रतिशत भारत विश्व के मस्तक पर सजेगा ।

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प्रभाकर पाण्डेय, गोपालपुर, पथरदेवा, देवरिया, उत्तर प्रदेश, भारत ।

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